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दीवानगी

IPL
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जबसे उसकी चाहतों के खजाने मिले है

लवों को  मुस्कुराने के बहाने  मिले है

diwangiइश्क के उजालों से हुई रात रौशन

शमा  से जब – जब  परवाने मिले हैं

बा-खुदा तबसे छोड़ दी आवारगी हमने

दिल मै उसके जब से ठिकाने मिले हैं

मैखाने का रुख न किया भूलकर भी

तेरे  होंठों के जबसे पैमाने मिले हैं

दिल मिलन के गुनगुनाता है नगमे

तेरी यादों के मौसम सुहाने मिले हैं

तेरी फुरकत मैं हम क्यूँ करें आँख नम

जब साथ तेरे हंसी के जमाने मिले हैं

मेरी दीवानगी मैं तू भी हो जा कभी शामिल

मिल कभी ऐसे, जैसे कि दो दिल दीवाने मिले हैं

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