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सरखार गैंडा पूल (KGG – पार्ट 2 व्यंग )

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Allrounder

नमस्कार, आदाब, सत्श्रीकाल दोस्तों मैं सचिन देव आप सबका दोस्त और S D चैनल का होस्ट एक बार फिर से आप सबका स्वागत करता हूँ अपने फुल्ली फालतू चैनल पर ! दोस्तों जैसा की आप सभी जानते ही हैं की पिछली बार हमारे इस चैनल ने हमें एक टास्क दिया था, जो की मेरे लिए बहुत ही कठिन था, और चूँकि मैं काफी दिनों की छुट्टी काट कर आया था इसलिए मेरे मन मैं आशंकाएं थीं की न जाने साक्षात्कार कैसे हों और हमारे दर्शकों को पसंद आयें की नहीं मगर दोस्तों आप सबका इतना प्यार और प्रोत्साहन मिला की हमारे S D चैनल की टी आर पी अचानक से बहुत बढ़ गई और देश विदेश मैं फैले हमारे दर्शकों ने हमारे चैनल को ईमेल, एसएमएस और फोन के जरिये ये मांग की है की अटपटे – और चटपटे इंटरव्यू की इस श्रृंखला को और आगे बढ़ाया जाए ! लिहाजा हमारी CREATIVE TEAM ने हमें फिर से जनता का ये आदेश सुना दिया, जनता की बेहद मांग पर या यों कहें चने के झाड पर चढाने पर हम भी निकल पड़े, कुछ और नई हस्तियों से लोहा लेने के लिए !

( पाठकों से अपील : दोस्तों इस लेख को आगे बढाने के लिए फ़िल्मी गीतों का सहारा लिया गया है, और मेरा आपसे अनुरोध है की जहाँ भी कोई गीत दिखाई दे आप उसे लय मैं जोर से गायें इससे आपको लेख पढने मैं और आनंद आएगा, अगर आपकी आवाज मेरे जितनी मधुर न भी हो तो भी कोई बात नहीं आप अपने घर मैं गा रहे हैं इंडियन आयडियल के मंच पर नहीं So dont worry and sing loudly ओ.के )

सबसे पहले हमने सोचा यार INTERVIEW की बोनी किसी धोनी टाइप पर्सनालिटी से करनी चाहिए और इस कशमकश मैं हमने जैसे ही अपना डबल होर्स पावर दिमाग दौड़ाया, वैसे ही कोंग्रेस के दुलारे, सारे देश के प्यारे युवराज राहुल जी KGG1 का नूरानी चेहरा हमारे जेहन मैं आया ! हमने कहा चलो यार इस बार की शुरुआत राजनीती के इसी नए बबलू से करते हैं , अत: हम निकल पड़े राहुल जी की तलाश मैं ! खैर इसके लिए हमें ज्यादा दूर नहीं जाना पड़ा और राहुल जी हमें वहीँ एक गाँव मैं नरेगा मजदूरों के साथ खाली तसला लिए मेहनत करते दिख गए ! उन्हें इस अवस्था मैं देखकर हमने कहा वाह राहुल जी वाह … आप महान हैं, आलीशान एयर कंडीसन बंगले और फाइव स्टार का लजीज खाना छोड़कर इस कड़ी धूप मैं साथी हाथ बढ़ाना की तर्ज पर इन बेचारों का बोझ उठा रहे हैं, और कड़ी महनत के बाद इनके घर मैं ही कढ़ी पकवा कर खा रहे हैं ! राहुल जी आप ऐसा क्यों कर रहे हैं मतलब, आपको कौन प्रेरित कर रहा है इन सब चीजों के लिए ?
सब मम्मी की वजह से है सचिन जी !
वाह मतलब कि मम्मी आपको प्रेरित करती हैं ऐसा करने के लिए ?
अरे नहीं सचिन जी, ऐसा नहीं है, दरअसल इसके पीछे मम्मी की प्रेरणा नहीं बल्कि कुछ और वजह है !
और बजह और क्या वजह हो सकती है राहुल जी ?
लगता है आप सब जान कर ही रहेंगे, देखिये भाई मैं ठहरा हिन्दोस्तानी और हर हिन्दोस्तानी की तरह मैं भी चाहता हूँ मेरी एक बीबी हो, जो मुझे अच्छे अच्छे भारतीय व्यंजन बनाकर खिलाये ! मगर मम्मी मेरी शादी तो करा नहीं रही हैं, और जब भी मैं उनसे कहता हूँ मम्मी आज मुझे दही बड़ा खाना है, तो मम्मी मुझे पीजा बनाकर खिला देती हैं ! मैं कहता हूँ मम्मी मुझे कढी खानी है, तो मम्मी मुझे सूप पिला देती हैं ! अब आप ही बताइए, मैं क्या करूँ ! इसलिए अपना सूनापन दूर करने के लिए इन गाँव वालों के साथ रात गुजारता हूँ, और देसी खाना खाता हूँ ! और लोग मेरा दुःख समझने के बजाय इसे नाटक कहते हैं !
अरे रे रे…. राहुल जी ! ये तो बड़ा भयानक इमोशनल अत्याचार हो रहा है आप पर ! मेरे साथ – साथ पूरे देश की समझ मैं नहीं आ रहा कि आखिर क्यों आपका तनु वेड्स मनु नहीं हो रहा है ! आपकी उम्र के पतीले से जवानी का दूध उबल कर फ़ैल जाएगा तब कहीं आपकी शादी होगी क्या ? एक और बात राहुल जी वो तो आप पर आपके राजसी खानदान का असर है जो 41 साल मैं भी आपके गाल टमाटर की तरह लाल हैं, वर्ना आपकी जगह कोई आम आदमी होता तो अब तक चूसा हुआ आम हो जाता ! राहुल जी मेरी सलाह है इससे पहले की आपकी जवानी के टमाटर, पूरी तरह से सढ जाएँ बेहतर यही होगा की आप घोड़ी पे चढ़ जाएँ ! आप कहें तो इस बारे मैं आपकी ओर से सोनिया जी से बात करूँ ?
अरे नहीं नहीं … इस टोपिक को छोडिये, आप किसी और टोपिक पर सवाल करना चाहें तो कीजिये !
ओ.के राहुल जी आप जैसा कहें मैं तो सिर्फ आपकी भलाई चाहता था! खैर व्यक्तिगत सवालों से हटकर हम राजनीतिक सवालों पर आते हैं ! राहुल जी आजकल माया जी पर आपका साया किसी भूत की तरह मंडरा रहा है, आखिर उत्तर प्रदेश आकर आप अलबर्ट पिंटो क्यों बन जाते हो ? क्यों आपको इतना गुस्सा आता है, और गुस्से मैं आकर आपने माया तो माया लोकतंत्र का सरमाया जनता को भी नहीं छोड़ा और उन्हें भिखारी करार दे दिया, आखिर ऐसा क्यों कहा आपने ?

अरे सचिन जी दरअसल बात ऐसी नहीं है, जैसी आप समझ रहे हैं ! बात क्या है कि उत्तर प्रदेश मैं चुनाव होने वाले हैं, और हम खुद अपने हाथ उत्तर प्रदेश की जनता के सामने फैला रहे हैं, और जो मांगने कि आदत हमें पड़ गई है वही शब्द हमारी जुबान से निकल गए ! हम लोगों ने तो बाकायदा इस बार एक गीत भी तैयार किया है वोटरों को सुनाने के लिए कहें तो पेश करूँ ?
अरे वाह हम तो खुद आपसे कहने वाले थे कोई गीत हमारे दर्शकों को सुनाइए मगर आप तो खुद ही …. आप भी सुनिए उत्तर प्रदेश के आगामी चुनाव मैं कोंग्रेस कौन सा गीत पेश करने वाली है !

दे दाता के नाम तुझको अल्लाह रक्खे
सुबह से हो गई शाम तुझको अल्लाह रक्खे
तुझको रक्खे राम तुझको अल्लाह रक्खे
दे दाता के नाम तुझको अल्लाह रक्खे

अरे राहुल जी ये कौन सा गीत गा दिया आपने ? राहुल जी विलीव मी यदि चुनाव मैं ये गीत आपने गा दिया तो उत्तर प्रदेश मैं आपकी पहले से गुड – गुड गोते खाती नैय्या डूबी ही डूबी समझो !

अरे ऐसा क्या है इस गीत मैं अच्छा ख़ासा भिखारी टाइप गीत है, महमूद ने इसे आँखें फिल्म मैं गाया और फिल्म हिट हो गई थी फिर इस गीत से हमारी फिल्म कैसे पिट जायेगी ?
अरे राहुल जी आप जरा गीत की तीसरी पंक्ति रिपीट करें
लो अभी लो !

तुझको रक्खे राम तुझको अल्लाह रक्खे !

बस यहीं तो लफड़ा है, नहीं समझे राहुल जी ?
नहीं क्या लफड़ा है ?
हे राम ! अरे राहुल जी, राम … राम … राम .. आपके गीत मैं राम का नाम आ रहा है और राम के नाम पर तो बीजेपी का पेटेंट हैं ! राहुल जी आपकी पार्टी राम का नाम लेगी तो सांप्रदायिक नहीं हो जायेगी भला ? और इससे आपके अल्पसंख्यक वोट और अल्प होने की आशंका बढ़ जायेगी इसलिए तो मैं कह रहा हूँ कि इस गीत को ऐसे मत गाइए !
धन्यबाद आप ने बचा लिया सचिन जी वर्ना हमारी पार्टी का तो चुनाव मैं राम नाम सत्य हो ही जाता है ! हे राम ! फिर राम ! मैं क्या करूँ इतनी मुश्किल से ये भिखमंगा गीत मिला था मगर उसमे भी केमिकल लोचा निकला ! सचिन जी, मैं ये गीत हटा देता हूँ !
अरे नहीं राहुल जी, गीत तो ये नेता कौम पर बहुत शूटेबिल है, आप कहें तो मैं इस गीत को थोडा रफू कर देता हूँ फिर आप इसे आसानी से गा सकते हैं !
अरे पेश कीजिये जल्दी !
आप इसको ऐसा गाइए

दे बापू के नाम तुझको अल्लाह रक्खे
दे गाँधी के नाम तुझको अल्लाह रक्खे
तुझको रक्खे श्याम तुझको अल्लाह रक्खे
दे बापू के नाम तुझको अल्लाह रक्खे

वाह वाह सचिन जी आपने तो हमारी समस्या हल कर दी, किस प्रकार से आपने राम हटाके श्याम को डाला है, दिल खुश हो गया !

धन्यबाद सर, वैसे भी आपकी पार्टी साठ सालों से गांधी के नाम पर ही तो वोट मांग रही है, उस बापू के नाम पर जिसके मुंह से मरते वक्त भी हे राम निकला था मगर आप लोगों के मुंह से जीते जी राम न निकल पाए वर्ना आप साम्प्रदायिक हो जायेंगे ! राहुल जी आप कहें तो मैं तो इस गाने मैं से राम के साथ – साथ अल्लाह को भी हटा दूँ ?

अरे नहीं नहीं … ऐसा मत करना भाई , वर्ना हमारी लुटिया जरुर डूब जायेगी !
ठीक है राहुल जी फिर आप चुनाव तक इस गीत की लय को पकडिये मैं चलता हूँ किसी और को पकड़ता हूँ ! और राहुल जी को उनका चुनावी गीत ” दे बापू के नाम, तुझको अल्लाह रक्खे ” पकड़ा कर हम अपना कारवां लेकर आगे बढे, और पहुँच गए सीधे कोंग्रेस के कार्यालय इस इरादे से की इशारों – इशारों मैं हम राहुल जी की समस्या और देश की समस्याओं को सोनिया जी के समक्ष रखेंगे ! मगर ये क्या कोंग्रेस कार्यालय मैं कदम रखते ही हमने देखा सोनिया जी के ऑफिस के सामने बड़े – बड़े नेता ऐसे भीड़ लगाए खड़े हैं जैसे बन्दर का नाच देखने के लिए गाँव मैं भीड़ इकठ्ठा हो जाती है ! हमारा मन किया यार सोनिया जी से पहले इन नेताओं मैं से भी किसी से चर्चा कर ली जाए मगर समस्या ये थी की आखिर इन मैं से कौन सा बन्दर मेरा मतलब है नेता चुना जाए ! तभी हमारी नजर सिब्बल साहब के फेस पर पड़ी बस उनका फेस देखते ही हमारा फेस बुकिया दर्द दिल के रास्ते से गुजरता हुआ हमारे फेस पर आ गया और हमने कहा चलो यार पहले फेसबुक के इस सरौंते से फेस टू फेस कर लिया जाए, लिहाजा हमने अपना beautiful फेस उनके कम beautiful फेस के सामने करते हुए, उन पर प्रश्नों की झड़ी लगा दी !
सिब्बल साहब आखिर आपको ये क्या सूझी ? पहले आपने धरना, धरने वालों को धरनीधर कर दिया ! फिर आपने अनशनकारियों का अनशन तुड़वाया ! मगर सर अब सुनने मैं आ रहा है आपने तकनीक पर भी गैर तकनीकी तौर से रोक लगाने की तैय्यारी कर ली है, सर मैं आपको बता दूं आज इस देश का बहुत बड़ा वर्ग कम्पूटर के सामने अपना सच्चा फेस लेकर फेसबुक के झूठे फेसों से फेस टू फेस होता रहता है ! और किसी की छोडिये सर मैं खुद इसका शिकार हूँ, आप मेरी दर्द भरी कहानी सुनेंगे तो आपके भी आंसू निकल आयेंगे सर घडियाली ही सही हुआ यों कि अभी 2 महीने पहले मैं अपने फेस बुक के एक बहुत ही ख़ास मित्र से ये कहकर जुदा हो गया की 2 महीने बाद मिलूँगा ! मगर अब मेरे 2 महीने तो पूरे हो गए मगर उसके केलेंडर मैं न जाने कब पूरे होंगे और उससे पहले यदि आपने फेसबुक पर रोक लगा दी तो मैं कैसे अपने दोस्त से मिलूँगा मेरे पास तो और कोई जरिया ही नहीं है उससे बात करने का ?
अरे नहीं नहीं सचिन जी, ऐसी कोई बात नहीं हमारा तकनीक पर रोक लगाने का कोई इरादा नहीं है ! हम जानते हैं की आज बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक फेसबुक की इस महामारी का शिकार हैं ! और हम नहीं चाहते की हमारे वे युवा जो दिन रात फेसबुक पर टिंचू-टिंचू टाएँ-टाएँ करते रहते हैं, उन तोतों से किसी की मैना जुदा हो, और वे तोते उसी चोंच से हमारी सरकार को काटें, हम तो बस ये चाहते हैं की हम ऐसे लोगों पर नजर रखें जो हमारी सरकार की पहले से आधी खुद चुकी कब्र मैं से वर्षों से दफ़न मुर्दों को बाहर न निकालें, जिससे पहले से बदबू मार रही हमारी सरकार की साख और खाख मैं न मिले ! इसीलिए हम ऐसे लोगों को बस ये इशारा करना चाहते हैं की ” इशारों को अगर समझो, राज को राज रहने दो “
वाह सिब्बल जी मतलब इसको ऐसे भी कह सकते हैं ” परदे मैं रहने दो पर्दा न उठाओ, पर्दा जो उठ गया तो भेद खुल जाएगा ”
बस बस सचिन जी, यही हम चाहते हैं बाकी फेसबुक को हमारी सरकार से कोई खतरा नहीं है !
मतलब मैं अपने बिछड़े फेसबुक मित्र का फिर से फेस देख सकता हूँ ?
बिलकुल, बिलकुल हम आपसे वादा करते हैं, की हम इस माध्यम पर कोई रोक लगाने नहीं जा रहे हैं !
चलिए सर आप वादा करते हैं तो विश्वास कर लेते हैं मगर सिब्बल सर आपके वादों पे भरोसा करने से थोडा डर लगता है !
क्यों भाई ऐसा क्यों ?
क्योंकि,


” वादा तेरा वादा , वादा तेरा वादा
वादे वे तेरे मारा गया एक योग गुरु बाबा
वादा तेरा वादा वादा तेरा वादा ”

चलिए सिब्बल साहब फेसबुक पर रोक न लगाने और सिर्फ उस पर नजर रखने के आपके सारे वादे वफ़ा हों, ऐसी उम्मीद ही कर सकते हैं हम ! मगर सर एक बहुत बड़ा प्रश्न यहाँ खड़ा होता है, की आखिर इंटरनेट के इस इतने बड़े नेटवर्क पर आप नजर कैसे रखेंगे, और सर हो सके तो जरा इसको गाकर सुनाये हमारे दर्शकों को
सुनिए सिब्बल जी का ये नजराना

KGG2

आते जाते हुए मैं सब पे नजर रखता हूँ
आते जाते हुए मैं सब पे नजर रखता हूँ
नाम सिब्बल है मेरा सबकी खबर रखता हूँ
हो नाम सिब्बल है मेरा सबकी खबर रखता हूँ

क्या बात है क्या बात है, केंद्रीय मंत्रिमंडल के अब्दुल साहब देश मैं कहाँ लोग भूख से मर रहे हैं, कहाँ आतंकवादी बम फेंकने की साजिश रच रहे हैं, कहाँ किसान आत्महत्या कर रहे हैं, इन सब की खबर भले ही न हो आपको किन्तु फेसबुक पर किसने कोंग्रेस विरोधी मुहीम चला रखी है इसकी खबर तुरंत हो जाती है आपको ! खैर सिब्बल जी से विदा लेकर आखिर हम पहुँच ही गए, कोंग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधीजी के दरवार मैं अपने कई अटपटे और चटपटे सवालों के साथ ! मैडम के साथ ही माननीय प्रधानमंत्री जी भी बैठे हुए थे, शायद उन्हें हमारे आने की भनक लग गई थी इसलिए मैडम की हेल्प करने के लिए बैठे थे !
नमस्कार मैडम !
नाम्स्खार सशिन धेव जी ! खहिये खैसे आना हुआ आप्खा ?
मैडम दरअसल बात ये है की पिछली बार मैंने अपने चैनल के लिए कुछ INTERVIEW लिए थे जिसमे आपकी सरकार के भी कुछ नेता शामिल थे, मगर दर्शकों की बेहद मांग है की आपका भी INTERVIEW लिया जाए, क्योंकि लोग कहते हैं इस सरकार की असली सरकार तो आप ही हैं मैडम, क्या आप हमारे सवालों का जवाव देंगी मैडम ?

ख्यों नहीं ख्यों नहीं हम INTERVIEW झरूर देंगे, मघर आप तो जानते ही हैं, हमारी इटालियन झुबान खे नेटवर्क पर हिंडी के सिग्नल थोरे ख़म आठे हैं अगर आप्खे धर्शक हमारी हिंडी के हिढोले मैं जूल सकें ठो हमें खोई आपत्ति नहीं है !

मैडम उसकी आप चिंता न करें आप भले ही हमारी हिन्दी का पोस्टमार्टम कर हमारी भावनाओं को कितनी भी ठेस पहुचांए मगर हमारे भावना प्रधान देश के दर्शक इतने भावुक हैं कि ये शब्द पर तो जाते ही नहीं सिर्फ भावनाओं को समझते हैं, और हमारे जे जे के पाठक तो और भी दो कदम आगे हैं ये तो लेख बिना पढ़े सिर्फ शीर्षक पढकर ही लेख की भावनाओं को समझ जाते हैं, और बड़े ही प्रभाव से कमेन्ट भी देते हैं, और लिखने वाले की भावना की कद्र करते हैं !

फिर भी मैं इस बारे मैं अपने दर्शकों से एक अपील कर देता हूँ, साथियो मेरा आपसे अनुरोध है कि आप इस INTERVIEW मैं मैडम के शब्दों पर न जाकर भावनाओं पर फोकस करें, और भावनाओं को समझें !

KGG3

लीजिए मैडम, आपकी भाषा की ये समस्या हमने सोल्व कर दी है, अब अपने अटपटे सवालों के सिलसिले को शुरू करते हुए मेरा पहला सवाल मैडम जी आपसे, आपकी सरकार के मंत्री भ्रष्ट्राचार और घोटालों मैं सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग की तरह हो गए हैं आपका एक मंत्री आज सचिन तेंदुलकर के दो सौ रन की तरह 2000 करोड का घोटाला करता है तो, आपका दूसरा मंत्री वीरेंद्र सहवाग के 219 रन की तरह 2019 करोड का घोटाला करके नया रिकॉर्ड बना देता है, और दोनों खुश होकर एक दूसरे घोटालेबाज को बधाई भी देते नजर आते हैं ! स्वतंत्र भारत के इतिहास मैं घोटालों की इस सबसे बड़ी दौड की लगी होड के बारे मैं आप क्या कहना चाहेंगी ?

हू लाला हू लाला हू लाला हू लाला ……

ऊ लाला ऊ लाला ?

हू लाला हू लाला हू लाला हू लाला …… घाने मैं हिस् लाइन का ख्या मठलब है ?
अरे मैडम ऊ लाला ऊ लाला इस लाइन का क्या मतलब हो सकता है भला, ये तो बस लोगों मैं जोश भरने के लिए डाला गया है और क्या!

बिल्खुल सही जवाव जैसे इस घाने का मठलब नहीं है वैसे ही आपखे हिस् सवाल का भी खोई मठलब नहीं हैं धेश मैं खोई गोटाला नहीं हुआ है ये सिर्फ विफक्ष खा हू लाला हू लाला है हौर खुछ नहीं विफक्ष भ्रश्ताछार खा हू लाला खरखे हगले छुनाव मैं अपनी डर्टी फिल्म हित खरवाना छाहता है बस ! हगला सवाल फिलीस !

हू लाला मैडम हू लाला क्या जवाव दिया आपने चलिए मैं अपने हगले मतलब अगले सवाल पर आता हूँ ! मैडम आप कह रही हैं तो मान लेता हूँ मगर आपको ऐसा नहीं लगता कि आपकी सरकार की छवि आम लोगों मैं राखी सावंत की तरह होती जा रही है, ऐसे मैं आपको क्या लगता है आपकी ये सरकार अपना स्वयम्वर, मतलब कार्यकाल पूरा कर पाएगी, और हगले मेरा मतलब है अगले चुनाव मैं चल पाएगी ?

धेखिये ससिन धेव जी, सरखारें सिर्फ हेक छीज से छलती हैं डेवलपमेंट, डेवलपमेंट एंड डेवलपमेंट हौर हमारी सरखार ने ये डेवलपमेंट खिया है हिसिलिये झैसे डर्टी फिक्सर अपने एंटरटेंमेंट की बजह से पूरे धेश मैं छल रही है वैसे ही हमारी सरखार वर्षों से अपने डेवलपमेंट खी बजह से इस धेश मैं छलती रही थी, छल रही है हौर छलती रहेगी !
इस बीच मनमोहन सिंह जी बीच मैं बोल पड़े मैडम छल नहीं चल रही है चल रही है चल रही है !

हाँ हाँ ओई … ओई
ओई … ओई से मतलब वही … वही से है मैडम ?
हाँ ओई… ओई …. भावनाओं खो समजो ! हगला सवाल फिलीस !

मैडम को यों हडबडाते देख हमने सोचा चलो यार मैडम को राजनीती के इन डर्टी सवालों से बहार निकालकर माहौल को थोडा हल्का किया जाए, और कुछ पारिवारिक प्रश्न किये जाएँ !

चलिए मैडम अपने हगले सवाल की ओर बढते है !
हरे ससिन धेव जी हगला नहीं अगला सवाल भोलिये !
हाँ मैडम ओई …ओई (ये क्या हो रहा है यार मेरे साथ अगला को हगला वही को ओई )

मेरा अगला सवाल मैडम, जैसा की हम सभी जानते हैं कि आप साथ समंदर पार से व्याह कर इस देश मैं आई हैं, हालांकि इस देश के लोगो ने अतिथि देवो भव की परम्परा को बढाते हुए आपको बहुत प्यार दिया है फिर भी आपको अपने देश की याद तो आती ही होगी इस बारे मैं आपका क्या कहना है मैडम ?

हेक मिनठ…. हेक मिनठ…. हरे मोनू मेरी डायरी धेना फिलीस !
मोनू यहाँ मेरे मैडम और मनमोहन जी के अलावा चौथा कौन है जिसे मैडम मोनू बुला रही हैं ?
अरे मैं हूँ मोनू मैडम प्यार से मुझे मोनू बुलाती हैं, आपको कोई आपत्ति है मनमोहन जी फिर बोल बड़े !
अरे नहीं नहीं मुझे भला क्या आपत्ति हो सकती है सर बड़ा प्यारा नाम है ये तो मोनू ! वैसे भी सर आप ज्यादातर मुद्दों पर मौन ही रहते हैं इसलिए आपकी पर्सनालिटी पर बहुत शूट करता है ये नाम मोनू ! नाईस नेम सर आई लाइक इट !
डायरी फिलीस !
ये लीजिए मैडम !
हाँ आप उन्हें छोरिये हपने सवाल का जवाव शुनिये ससिन धेव जी ! आपखो शायद हेक बात नहीं पठा होगा मैंने आपखा पिछला लेक पारहा था हिस्लिये मैंने खुछ गीत हिस् डायरी मैं नोत खर लिए थे हापके हिस् सवाल का जवाव मैं घा खर दूंगी !
जी जरुर मैडम ! सुनाइए इस देश और अपने देश के लोगों को आप घा कर मतलब गा कर क्या सन्देश देना चाहती हैं !

मैं ठो भूल छली भाभुल खा धेश
फिया खा घर फ्यारा लघे
खोई मैखे खो धे धो संधेश
फिया खा घर फ्यारा लघे
मैं ठो भूल छली भाभुल खा धेश

वाह वाह मैडम ये तो आपने कमाल कर दिया, ताल की जगह सुर और सुर की जगह ताल कर दिया, और आपके इस गीत ने तो समझो हमारे चैनल को भी मालामाल कर दिया !

शुखरिया , शुखरिया शुखरिया ! हगला सवाल फिलीस !

चलिए मैडम अब हम अगले सवाल पर आते हैं, और पूछते हैं आपसे वो सवाल जो आजकल काफी चर्चा का विषय बना हुआ है, आप राहुल जी को राजनीतिक गंगाराम बनाने पर क्यों तुली हुईं हैं मैडम ?
गंघाराम खौंन है ये गंघाराम ? और हिस्का हमारे बेठे राहुल से ख्या वाश्ता है ?
ओह सॉरी मैडम मैं आपको क्या मालूम गंगाराम कौन है मैं जरा डीपली घुसके गंगाराम के बारे मैं आपको बताता हूँ वो क्या है मैडम की हमारे देश की एक प्रथा है की किसी जवान लड़के की जवानी का दूध जब तक किसी जवान लड़की के दिल के कूंडे मैं जमकर दही न बने तब तक उसे कुंवारा कहते हैं, और यदि कोई लड़का ज्यादा दिन तक एक खूंटे से बंधे बिना यहाँ वहाँ मुंह मारता फिरे तो उसे गंगाराम कहते हैं ! इस पर एक गाना भी बना है मैडम सुनिए
गंगा राम कुंवारा रह गया हो, गंगाराम कुंवारा रह गया, और इससे पहले आप ही की तरह लोग पूछने लगे कौन है ये गंगाराम ? और लोग कहें गंगाराम है आपके बेटे का नाम, आप उनकी शादी क्यों नहीं करा देतीं ?

ओह तो गंघाराम का ये बाजरा है ?
बाजरा नहीं मैडम माजरा … माजरा …. मनमोहन जी ने फिर से बात को रफू किया !
हाँ ओई ….. ओई…
हरे टो सीधे – सीधे पूछिए की राहुल की शाधी खब हो रही है ! देखिये हर माँ की तरह हमारे बी ये इक्षा है कि हमारी बी बहु हो नाठी – पोथे हों, मगहर हमें ऐसी लरकी छाहिये जो सिर्फ हमारी भावनाओं खो ही नही हमारी वाशा खो भी समजे, थाकि हम बी ख्योंखी सास बी खबी बहु ठी दारावाहिक खी सास बहु खी तरह लर सकें !

अरे तो इसमें क्या है मैडम ये तो बहुत ही आसान काम है आप कहें तो मैं आपकी मदद करूँ मैडम !
ख्यों ख्या आप हैसी लरकी दूंद सकते हैं ?
दूंद सकते नहीं मैडम यों समझो दूंद ली दूंद ली, मतलब ढूंढ ली !
ओह रियली ! खोंन है वो खुशनसीब !
अरे मैडम अपनी कैटरीना, कैटरीना कैफ मैडम बिलकुल आपके लिए परफेक्ट बहु रहेगी वो ! मैडम सच कहता हूँ, जब आपकी टूटी और उसकी फूटी हिंदी मिलेगी न मैडम, तो आप दोनों एक ब्रांड सास – बहु बन जायेंगी और जब आप, राहुल जी और आपकी बहु एक साथ कहीं जायेंगे तो लोग चिल्ला-चिल्ला के कहेंगे वो देखिये टूटी–फूटी एंड संस आ गए !
वाओ ! वोही खैत्रीना जो शीला शीला की जवानी वाला भजन घाती है ?
एक्जेक्टली मैडम ओई … ओई !
मोनू खैत्रिना से मिलने की डेट फिक्स खारो ! वैसे मोनू हम्खो खैत्रीना बहुत पसंद आई, ठुम्खो इस बारे मैं खुछ कहना है ?

हमारा क्या है मैडम हम तो –

KGG4

जो तुमको हो पसंद वही बात कहेंगे
तुम दिन को अगर रात कहो रात कहेंगे

वैरी गुड देट्स द स्प्रिट ! आई लाइक इट !
अच्छा मैडम तो मैं ये रिश्ता पक्का समझूँ ?
हरे हैसे खेसे हाँ खर दूं ससिन धेव जी … आपके प्रस्ताव खो हम हगले शतर मैं फेश खरेंगे फिर सोचेंगे !
मतलब फिर गई भैंस पानी मैं ? मैडम मैं तो कहूँगा जरा जल्दी कर लीजिये वर्ना इस दुल्हन पर कई ब्रदर्स की नजर है ऐसा न हो आपकी इस ब्रांड बहु पर कोई और अपना लेबल लगा के इसे पनघट की मधुवाला बना ले !
खैर चलिए मैडम घरेलु बातें बहुत हो गईं फिर से लौटते हैं राष्ट्रीय मुद्दों पर, देश मैं फैली राजनीतिक अराजकता पर अभी बहुत से प्रश्न अनुत्तरित हैं ! मैडम ये बताइये आप कह रही हैं की सरकार बिलकुल सही चल रही है, मगर ये क्या है मैडम आपकी सरकार के राज मैं महंगाई को लेकर जनता गाली दे रही है ! काले धन को लेकर बाबा जी आपकी सरकार को गाली दे रहे हैं ! लोकपाल को लेकर पूरी टीम अन्ना आपकी सरकार को गाली दे रही है ! मतलब मैडम गाली पे गाली गाली पे गाली …आखिर सरकार ऐसे काम क्यों कर रही है जिससे लगभग पूरा देश उसे गाली दे रहा है?

हरे हरे ससिन धेव जी आप ठो जज्बाती हो गए, ये सब तो राज्नीथी मैं होटा रहता है, हीसमे खोई नई बात नहीं है, जो सरखार मैं रहता है हुसको इन सबखा सामना खरना परता है ! मोनू जरा मेरी डायरी धेना फिलीस ! आपके हिस् सवाल का जवाव भी मैं घा कर धेना चाहूंगी ! बरा फियारा घाना बनाया है मैंने आप भी सुनिए हौर अपने धर्श्कों खो बी सुनाइये !

विपक्ष गारी डेवे घटक समझा लेवे
सरखार गैंडा पूल
जनता गारी डेवे ठो नेटा समझा लेवे
सरखार गैंडा पूल
तोरा जनता का सपना
भरा बस घर अपना होउउऊ….
विपक्ष गारी डेवे घटक समझा लेवे
सरखार गैंडा पूल !

अरे गैंडा पूल नहीं मैडम गेंदा … गेंदा फूल, मैडम मरवा दिया आपने मनमोहन जी अपना सर पकड़ कर बैठ गए !
ख्यों ख्या हुआ मैंने खुछ गलत घाया ख्या ?
अरे नहीं मैडम आपने बिलकुल सही गाया हमारी जिस हिंदी की चिंदी – चिंदी अभी तक आप करती आ रही हैं उसी हिंदी की खूबसूरती है ये की आपके मुंह से सरकार के मन की बात निकलवा ली ! आपने बिलकुल सही गाया मैडम आपके सरकार के कुछ मंत्री आज गैंडो का ऐसा झुण्ड बन गए हैं जो लोकतंत्र की आत्मा को सींग मार-मार कर रोज घायल कर रहे हैं, किसी को शान्ति से अनशन न करने देना और उन्हें खदेडना गैंडों का ही तो काम है ! सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वालों पर सरकारी मशीनरी से दमनचक्र चलवाना ये गैंडों का ही तो काम है ! जनता महंगाई से हाहाकार करती रहे मगर अपना पेट अपने सींग के दम पर भरना ये गैंडो का ही तो काम है ! आपका बहुत – बहुत धन्यबाद मैडम, जो कम से कम आपने गलती से ही सही मगर माना तो आपकी सरकार के अधिकतर मंत्रियों का व्यवहार आम जनता के प्रति गैंडो सा ही है ! और साथियो इसी के साथ अपने दोस्त और S.D. चैनल के होस्ट सचिन देव को दीजिए इजाजत, इस कामना के साथ कि हमारे लोकतंत्र के इस पवित्र गुलशन मैं फिर से कोई गैंडा फूल न उग पाए बल्कि कोई ऐसा फूल उगे जो हमारे लोकतंत्र की खुशबु देश मैं ही नहीं वरन पूरे विश्व मैं फैलाए !

(दोस्तों यदि आप भी हमारे मेहमानों से कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो, प्रतिक्रिया के जरिये पूछ सकते हैं, मगर सवाल अटपटा होना चाहिए, और नया होना चाहिए, जिस भी दर्शक का सवाल सबसे अटपटा होगा उस सवाल का चटपटा जवाव हमारे मेहमान देंगे और हमारे चैनल की तरफ से दिया जायेगा एक गिफ्ट हेम्पर, फिर देर किस बात की चलाइए अपनी उँगलियाँ अपने की-बोर्ड पर और लिख भेजिए कोई अटपटा सा सवाल )

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