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वेलेंटाइन प्रतियोगिता बनाम आम चुनाव

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साथियो नमस्कार वेलेंटाइन डे प्रतियोगिता समाप्त हो चुकी है, और जब तक ये प्रतियोगिता जारी रही, ब्लोग्स की ऐसी दे – दनादन होती रही, जैसे की IPL टी-20 का कोई मैच चल रहा हो, और JJ  के जो भी खिलाड़ी हैं पिच पर उतरते आते ही लम्बे – लम्बे शॉट लगाने शुरू कर देते ! क्या नए, क्या पुराने सभी रंग बरसे भीगे चुनर वाली की तान पर  अपने – अपने प्रेम की चुनर भिगोने मैं लगे थे ! मगर अब प्रतियोगिता की तिथि बीत चुकी है, और सारा माहौल ठंडा पड गया है, तो अपने भी काइयां दिमाग मैं एक काइयां सा आइडिया आया चलो यार कुछ लिखा जाए, मगर समस्या ये की लिखा क्या जाए ? फिर प्रतियोगिता की गहन समीक्षा करने के बाद मुझे लगा की यार ये प्रतियोगिता भी हमारे देश मैं होने वाले आम चुनाव जैसी ही थी, और इसमें शामिल होने वाले प्रतियोगी भी इसमें ऐसे ही भाग ले रहे थे जैसे की आम चुनाव मैं प्रत्याशी भाग लेते हैं, और चुनाव जीतने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं !  इस प्रतियोगिता और आम चुनाव मैं क्या समानताएं मैंने पाई वही आप सभी के सामने लेख के माध्यम से पेश करने की कोशिश कर रहा हूँ !

 

जिस प्रकार से आम चुनाव की घोषणा देश का चुनाव आयोग करता है, और सारी राजनितिक पार्टियाँ उसके अधीन कार्य करती हैं ! जिस प्रकार से अधिकतर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने के नियम व शर्तें नहीं मालूम होती वैसे ही इस प्रतियोगिता के नियम भी अंत तक प्रत्याशियों को भ्रमित करते रहे, जिनके बारे मैं हमारे मंच के कई साथी पहले ही लिख चुके हैं, और इन नियमों का मैं भी भुक्त भोगी हूँ क्योंकि मैं अपनी रचनाये हिंदी मैं वेलेंटाइन डे लिखकर टेकता जा रहा था मगर मेरे एक मंच के साथी पियूष पन्त ने मुझे बताया की भैय्या नियम बदल गया है और जो भी वेलेंटाइन हिंदी मैं टेक रहा है, जागरण जंक्सन उन्हें उठाकर सीधा बहार फेंक रहा है ! हमने तुरंत पियूष का आभार जताया और अपनी रचनाओं को अपडेट कराया ! तो पहली समानता  नियमाबली की समझ मैं आई, चुनाव आयोग और JJ की जटिल नियमाबली !

 

दूसरी समानता मैं तो JJ ने देश के संबिधान को ही पछाड़ डाला, न जाने कबसे हमारे नेता चिल्ला रहे हैं महिलाओं को अगर राजनीती मैं आगे लाना है तो, उन्हें आरक्षण दिया जाए मगर इस सम्बन्ध मैं अभी तक कोई स्पष्ट कानून नहीं बन सका, मगर JJ ने ये कर दिखाया और इस प्रतियोगिता मैं महिलाओं को आरक्षण दे डाला और उनके लिए अलग से ताज की घोषणा कर डाली, जिससे महिला ब्लोगर्स की राह कुछ आसान हो गई ! अब मेरी इस बात से मंच की कुछ महिला ब्लोगर्स नाराज भी हो सकती हैं किन्तु फिर भी अपना काम तो मन मैं आये विचारों को व्यक्त करना है, सो कर रहे हैं ! अब आपके मन मैं ये विचार आ सकता है कि अलग – अलग ताज कि घोषणा से महिला ब्लोगर्स को क्या फायदा होगा भला, तो भैय्या मैंने दिमाग पर इतना जोर डाला फिर भी २०-२५ से ज्यादा तलवारें ( महिला ब्लोगर्स ) के नाम याद नहीं कर पाया, और उनमे से भी आधे  से ज्यादा वे जो सिर्फ इस प्रतियोगिता मैं ही दिखाई दिए ! और दूसरी तरफ कारतूसों ( पुरुष ब्लोगर्स ) की लिस्ट जब बनाने बैठा तो सच कह रहा हूँ तीन दिन तक पूरे नाम नहीं लिख पाया ! 1000 के बाद तो मैंने लिस्ट फाड़ कर फेंक दी !  तो मैं JJ के इस अभिनव कदम पर उन्हें बधाई देता हूँ, जो उन्होंने देश के चुनाव   आयोग को आगे आकर ये रास्ता दिखाया, और उनका ये कदम कितना सफल रहा इसका अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है की जहाँ मंच पर ८-१० तलवारें ( महिला ब्लोगर्स ) दिखती थीं, उनकी संख्या बढ़कर २०-२५ तक पहुँच चुकी है, ये मेरे खुद के आंकड़े हैं जो की गलत भी हो सकते हैं इसलिए अगर किसी साथी पर सही आंकड़े हों तो पेश कर सकता है, उन आंकड़ों पर विचार किया जाएगा !

 

अब आते अगली समानता पर वो है कारतूसों ( पुरुष ब्लोगर्स ) के बीच जंग, जिस प्रकार चुनावी प्रत्यासी जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ता उसी प्रकार से किसी भी कारतूस ने कोई  कमी नहीं छोड़ी ! कई बड़ी राजनितिक पार्टियों ने इस चुनाव मैं हिस्सा न लेने का फैसला किया, तो कई पार्टियों ने बहार से अपने प्रत्यासियों का समर्थन किया मगर चुनाव पर नजर हमेशा बरक़रार रही ! कुछ पार्टियों ने मिलकर चुनाव लड़ा, और  एक दूसरे प्रत्यासी  का खुलकर समर्थन किया अपने – अपने चुनावी क्षेत्र मैं दोनों ने एक दूसरे की इतनी publicity की जितनी की किसी आम चुनाव मैं नुक्कड़ सभाएं भी नहीं होती ! कुछ प्रत्यासियों ने भी राजनितिक दलों का चुनावी सभा मैं भीड़ इकठ्ठा करने का दांव अपनाया, खुद ही अपनी भीड़ पैसे देकर गाँव – गाँव जाकर ट्रेक्टर से बस से भर के लाते हैं, और मीडिया मैं फोटो खिंचवा कर भीड़ दिखा कर वोटर्स को लुभाते हैं !  मगर जनता बहुत समझदार हो गई है भाई ये पब्लिक है पब्लिक बाबू सब जानती है ……….. !

 

जिस प्रकार से राजनितिक दलों मैं कुछ नेता किंग मेकर की भूमिका निभाते हैं यहाँ भी कुछ क्षेत्रीय राजनितिक नेताओं ने वैसी भूमिका इस प्रतियोगिता मैं निभाई और अपने – अपने विजेता प्रत्यासी की घोषणा कर दी ! और इन प्रत्यासियों को चंदे के रूप मैं इतनी प्रशंशा  दे डालीं जिससे उन्होंने आराम से ये चुनाव भी लड़ लिया और उसमे से कुछ बचा भी लिया, अगले संभावित चुनाव के लिए !

 

अब अगली समानता की और बढ़ते हैं, जिस प्रकार से हर चुनाव मैं किसी न किसी प्रदेश से कई नए नेता उभर के सामने आते हैं, जो की देश की राजनितिक धरोहर को आगे ले जाने मैं मददगार होते हैं, ठीक उसी प्रकार से इस चुनाव से भी कुछ ऐसे ही नए ब्लोगर्स निकलकर आयें हैं, जिनमे अपार सम्भावना देखी जा सकती है, जो इस मंच की धरोहर को अपने लेखन से एक नई दिशा प्रदान कर सके ! और सबसे ख़ुशी की बात ये है की इनमें महिलाओं की संख्या भी अच्छी खासी है जो की एक बहुत ही अच्छा संकेत है लेखन के इस प्रारूप के लिए !

 

अब आते हैं अंतिम समानता की और जिस प्रकार मतदान हो जाने के बाद प्रत्यासी अपनी चुनावी थकावट मिटाने के लिए ४-६ दिन का समय लेते हैं और फिर से चुनाव की समीक्षा और अपनी जीत की संभावनाओं पर विचार करते हैं, उसी प्रकार से ब्लोगर्स भी इस प्रतियोगिता की दिमागी थकान उतारने के बाद धीरे – धीरे लौट रहे हैं !

 

तो साथियो नतीजा मत पेटियों मैं बंद हो चुका है और अब उत्सुकता है परिणाम की ! नतीजा कुछ भी हो मगर प्रतियोगिता बहुत ही आनंद दायक और सुखद रही ! उन सभी लोगों को मेरी और से हार्दिक शुभकामनाये जिन्होंने इस प्रतियोगिता मैं हिस्सा लिया और इसे इतना प्रतियोगी बना दिया ! हालांकि किसी न किसी को तो विजेता चुना ही जाना है, जो की बहुत ही मुश्किल कार्य है JJ के लिए इसलिए हम सभी को Sportingly इस निर्णय को लेते हुए, उनके निर्णय का सम्मान करना चाहिए, जो भी लोग यहाँ लिखते हैं उन्हें बेहतर और बेहतर लिखने की कोशिश करते रहना चाहिए !  जिससे इस मंच की गरिमा और हम सब साथियों का आपस मैं प्रेम – भाव यों ही बरक़रार रहे !

 

सभी संभावित विजेताओं को मेरी ओर  से फिर से शुभकामनाये

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