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जी ले अब तू भी ऐ दिल, अपने प्यार के लिए
बदला – बदला सा हर अंदाज लगता है,
मौसम का भी बदला सा मिजाज लगता है,
आने वाला है प्यार का मौसम वो,
सपने संजोता था दिल जिस मौसम ऐ बहार के लिए
जी ले अब तू भी ऐ दिल, अपने प्यार के लिए
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खिल उठा है रूप प्यार मैं ऐसा उसके,
नींदों मैं ख्वाव बस गए हैं जिसके,
डर है कहीं शीशा चटक ही न जाए,
बैठे जो तू अपने रूप – श्रृंगार के लिए
जी ले अब तू भी ऐ दिल, अपने प्यार के लिए
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बस जाए दिलों मैं इस कदर से वो,
की धडकनें धडकनों मैं खो जाए,
आँखों मैं ख्वाव उसके ही हों
ये आँखें नींद मैं कभी जो सो जाएँ
खुले जो आँखें तो बस अपने ही दीदार ऐ यार के लिए
जी ले अब तू भी ऐ दिल, अपने प्यार के लिए
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देता है आवाज़ तुझे तेरा प्यार कहीं से
दिल की दुनिया है बड़ी इस आसमां ओ जमीं से
खुश रहे तू उस प्यार के जहाँ मैं जाकर,
न कर खुद को गमजदा इस झूठे संसार के लिए
जी ले अब तू भी ऐ दिल, अपने प्यार के लिए
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न गिला रहा न शिकवा रहा किसी से
हर दिल से मिला लिया दिल,
जो भी दिल मिला ख़ुशी से
जीत चुका तू दिल की बाजी ऐ दिल
कुछ भी बाकी न रहा अब जीत – हार के लिए
जी ले अब तू भी ऐ दिल, अपने प्यार के लिए
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