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दोस्तों आज 15 अगस्त की पूर्व संध्या पर कुछ लिखने का मन किया, सोचने बैठा तो तय नहीं कर पाया कि आखिर क्या लिखूं, देश मैं आज हर ओर परेशानियों का अम्बार लगा है, हर आम नागरिक सरकार कि ओर देख रहा है, मगर आम आदमी की परेशानियाँ हैं कि सुरसा सा मुंह फाड़ कर खड़ी हुई हैं एक आम आदमी अपने तथा अपने परिवार के चेहरे पर ख़ुशी लाने के लिए क्या – क्या जतन नहीं करता ! ऐसे मैं एक व्यक्ति है इस देश मैं जो की थोड़े समय के लिए ही सही इस देश के आम और ख़ास सभी इंसानों के चेहरे पर ख़ुशी ला सकता है और बह व्यक्ति है, सचिन तेंदुलकर ! जी हाँ महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ! तो आज देश की इस महान शख्शियत के बारे मैं कुछ लिख रहा हूँ !
यदि आप कोई भी पैमाना लेकर नापने की कोशिश करेंगे तो आज देश मैं मौजूद बड़ी हस्तियों मैं सचिन तेंदुलकर को कहीं से कम नहीं पाएंगे सचिन तेंदुलकर विगत २१ सालों से देश की अनवरत सेवा कर रहे हैं इन २१ वर्षों मैं देश और दुनिया मैं क्या नहीं बदला, नहीं बदला है तो सिर्फ सचिन तेंदुलकर का बह दृढ संकल्प जिसके बलबूते बह देश की क्रिकेट को आज भी नित्य नई बुलंदियों पर पहुंचा रहे हैं !
सचिन तेंदुलकर न सिर्फ एक महानतम खिलाडी हैं, बल्कि यदि हम उनका विश्लेषण करें तो वे हर मोर्चे पर एक आदर्श व्यक्ति हैं, एक आदर्श पति, एक आदर्श पिता! इतनी छोटी सी उम्र मैं इतनी सफलताएँ कम लोगों को ही मिल पाती हैं, मगर इतनी सफलताओं के बाद भी सचिन तेंदुलकर ने कभी भी अपने स्वाभाव पर अपनी सफलताओं को हावी नहीं होने दिया, फ़ील्ड मैं आज भी उनका आचरण सबसे सभ्य होता है ! २१ वर्षों मैं कितने ही खिलाड़ी आये और गए मगर मजाल किसी भी खिलाडी से सचिन तेंदुलकर का कभी भी कोई मनमुटाव रहा हो, उनकी इसी खाशियत की बजह से विपक्षी भी उनके सामने सर झुकाते हैं ! उन्हें जितना सामान अपने जूनियर खिलाडियों से मिलता है उतना ही सम्मान सेनिअर खिलाडियों से भी मिलता है ! इसका सबसे बड़ा उदाहरण है सुनील गावस्कर का उन्हें बीच फील्ड मैं नमन करना जब उन्होंने एक दिनी क्रिकेट मैं दोहरा शतक जमाया था ! क्रिकेट के अब तक के सबसे महान बल्लेबाज माने जाने वाले सर डोनाल्ड ब्रेडमेन भी उनके प्रशंषकों मैं थे ! एक बार उन्होंने अपने परिवार मैं कहा था की ” यह खिलाड़ी कुछ कुछ मेरी तरह से खेलता है ” ये शब्द सचिन के स्तर को बताने के लिए काफी हैं ! सचिन तेंदुलकर के यदि रिकॉर्ड देखें तो कोई भी उनके आस – पास भी नहीं हैं !
अब मेरे मन मैं प्रश्न ये आता है की इतनी खूबियों बाले इंसान को देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न क्यों नहीं प्रदान किया जाता ! पहले भी ये बात कई बार उठ चुकी है मगर अभी तक देश के इस सबसे अनमोल रत्न को भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया गया! कहा जाता है की ये सम्मान कला, साहित्य, विज्ञान तथा देश हित मैं की गई समाजसेवा के लिए प्रदान किया जाता है, तो यदि सचिन तेंदुलकर इन क्षेत्रों से नहीं आते इसलिए उन्हें ये सम्मान कभी भी नहीं दिया जाएगा?
सचिन का यदि आप खेल देखें तो उनकी बल्लेबाजी मैं एक कला है, उनकी बल्लेबाजी मैं ऐसी खूबियाँ हैं, जो अपने अपने आप मैं एक साहित्य का सृजन करती हैं ! विज्ञान की ही भांति सचिन तेंदुलकर ने भी अपनी बल्लेबाजी मैं नित्य नए प्रयोग कर कुछ नए शोट्स विकसित किये हैं जो अक्सर उनकी बल्लेबाजी मैं नजर आते हैं! रही बात समाज सेवा की तो अभी हाल ही मैं सचिन तेंदुलकर ने social networking site twitter को ज्वाइन किया है, कहने को तो ये social networking site हैं मगर सेलेब्रेटी किस प्रकार से प्रचार और अन्य साधनों के रूप मैं इन sites का इस्तेमाल करते हैं ये किसी से छिपा नहीं है, मगर सचिन तेंदुलकर ने ट्विट्टर के जरिये कैंसर पीड़ितों के लिए अपने प्रशंषकों से आगे आकर मदद करने की गुजारिश की और उनके प्रशंषकों ने बढ़ चढ़ कर इसमें भाग लिया जिससे करोड़ों रूपए चंदा इकठ्ठा हो गया! क्या ये समाजसेवा नहीं है ? इसके अलावा भी वे अन्य सामाजिक कार्यों मैं हमेशा हिस्सा लेते रहते हैं अपने व्यस्त जीवन के बाबजूद ! अब ऐसे इंसान के लिए यदि नियमों मैं थोडा सा संशोधन कर उन्हें ये भारत रत्न का सम्मान दिया जाए तो, किसी को भी कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए ! और मेरे विचार मैं उन्हें ये सम्मान जल्द से जल्द दिया जाना चाहिए ताकि अपनी बाकी बची क्रिकेट को खेलने के लिए जब भी वे मैदान मैं जाएँ तो उनके अन्दर ये एहसास हो की वे देश के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित हैं, और अगले विश्वकप मैं यही जज्बा शायद उन्हें और ज्यादा प्रेरित करे भारत के लिए विश्वकप जीतने के लिए!
बैसे भी जब मुंबई के आका ठाकरे साहब ने मुंबई को मराठियों का बताया था, तब सचिन तेंदुलकर ने सामने आकर ये कहा की मुंबई सिर्फ मराठियों की नहीं पूरे भारत की है ! उनका ये बयान ये साबित करता है की वे सही मायने मैं भारत के रत्न हैं ! मैं क्रिकेट और सचिन तेंदुलकर का बहुत बड़ा प्रशंशक हूँ, इसलिए हो सकता है मैं इस बारे मैं जो सोच रहा हूँ उससे कुछ लोग सहमत न हों, इसलिए मैं चाहता हूँ जो भी ये लेख पढ़े इस विषय पर विचार अबश्य दे की आखिर सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न क्यों नहीं ???
मेरे सभी साथियों को मेरी ओर से स्वतंत्रता दिवस की बहुत – बहुत शुभकामनायें
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